आज हम उन पांच बड़े फैसलों पर चर्चा करेंगे जो आरबीआई ने आम आदमी के लिए लिए हैं। इनमें बैंक चेक क्लीयरिंग, महंगाई, यूपीआई यूजर्स के लिए, लोन और डिजिटल लेंडिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- यूपीआई लिमिट: यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। इससे बड़े लेन-देन और टैक्स पेमेंट करना आसान होगा।
- बैंक लोन: रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा गया है, जिससे बैंक लोन की ब्याज दरें और ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।
- महंगाई: महंगाई की दर कम हो रही है लेकिन धीरे-धीरे। इस पर नियंत्रण के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। हरियाणा सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत घटाई है।
- चेक क्लीयरिंग: चेक क्लीयरिंग का समय घटाया जाएगा, जिससे चेक जल्दी क्लियर होंगे और लोग अधिक तेजी से अपने पैसे का उपयोग कर सकेंगे।
- डिजिटल लेंडिंग: अनऑथराइज्ड डिजिटल लेंडिंग एप्स के खिलाफ एक पब्लिक रेपॉसिटरी स्थापित की जाएगी। इसके तहत विनियमित संस्थाओं को अपने डिजिटल लोन एप्स की रिपोर्ट आरबीआई को देनी होगी। साथ ही, AI के उपयोग की सलाह दी गई है।
Highlights:
- यूपीआई लिमिट: ₹5 लाख तक ट्रांजैक्शन की सुविधा।
- रेपो रेट: 6.5% पर स्थिर, ईएमआई पर कोई असर नहीं।
- महंगाई: कम हो रही है, हरियाणा ने एलपीजी कीमत घटाई।
- चेक क्लीयरिंग: समय कम होगा, तेजी से क्लियर होंगे।
- डिजिटल लेंडिंग: पब्लिक रेपॉसिटरी और AI का उपयोग।
पहला फैसला: यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाया गया
यूपीआई यूजर्स के लिए है, जिसमें यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कर दिया गया है। इस फैसले से टैक्स पेमेंट और अन्य बड़े ट्रांजैक्शन अब अधिक आसानी से हो सकेंगे।
दूसरा बड़ा फैसला: बैंक लोन को लेकर है।
आरबीआई की एमपीसी मीटिंग में यह तय हुआ कि रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रहेगा। इसका मतलब है कि बैंक लोन की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा, जिससे आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। यह दर न बढ़ने से आपके लोन की इंटरेस्ट रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, जिससे आपको राहत मिलेगी।
तीसरा बड़ा फैसला: महंगाई को लेकर
महंगाई के मामले में आरबीआई ने कहा कि महंगाई की दर कम हो रही है, लेकिन प्रक्रिया धीमी और असमान है। भारत की महंगाई और ग्रोथ ट्रेंड संतुलित रूप से आगे बढ़ रही है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। इस बीच, हरियाणा सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कमी की है, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी।
चौथा बड़ा फैसला: चेक क्लीयरिंग के बारे में
अब बात करते हैं चेक क्लीयरिंग के बारे में। आरबीआई ने यह फैसला लिया है कि चेक क्लीयरिंग का समय घटाया जाएगा। इससे बैंकों में चेक जमा करने के बाद उन्हें क्लियर होने में जो समय लगता था, वह कम होगा। यह प्रक्रिया अब कुछ ही घंटों में पूरी हो सकेगी। यह फैसला लोगों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने चेक के क्लियर होने के इंतजार में रहते हैं।
पांचवा बड़ा फैसला: डिजिटल लेंडिंग ऐप्स
पांचवा और अंतिम फैसला डिजिटल लेंडिंग से जुड़ा है। आरबीआई ने अनऑथराइज्ड प्लेटफॉर्म से जुड़े इश्यू से निपटने के लिए डिजिटल लेंडिंग एप्स के लिए एक पब्लिक रेपो सिटरी स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। नए नियम के तहत, विनियमित संस्थाओं को अपने डिजिटल लोन एप्स की रिपोर्ट आरबीआई को देनी होगी। यह कदम डिजिटल फ्रॉड को कम करने में सहायक होगा। इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग की सलाह दी है।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट अब क्या है?
यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है।
रेपो रेट में कोई बदलाव हुआ है?
नहीं, रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रहेगा, जिससे बैंक लोन की ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
महंगाई की स्थिति क्या है?
महंगाई की दर कम हो रही है, लेकिन धीमी गति से। इसे नियंत्रण में रखने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।
चेक क्लीयरिंग का समय कितना घटाया गया है?
चेक क्लीयरिंग का समय घटाकर कुछ घंटों में सीमित कर दिया गया है।
डिजिटल लेंडिंग से जुड़े नए नियम क्या हैं?
एक पब्लिक रेपॉसिटरी स्थापित की जाएगी और विनियमित संस्थाओं को अपने डिजिटल लोन एप्स की रिपोर्ट आरबीआई को देनी होगी। इसके अलावा, AI के उपयोग की सलाह दी गई है।
उम्मीद है कि आपको इन पांच बड़े फैसलों के बारे में जानने में मदद मिली होगी। अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो नीचे कमेंट में पूछें। वंदे मातरम