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ब्लॉग एसईओ क्या है SEO काम कैसे करता है।

आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि एसईओ क्या है। sEO कैसे करते हैं। तो सबसे पहले हम जानते हैं कि एसईओ का फुल फॉर्म क्या होता है, और फिर हम SEO के बारे में पूरी जानकारी डिटेल में जानेंगे। एसईओ क्या है। किसी वेबसाइट के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण वह है, Organic Traffic और ऑर्गेनिक ट्रैफिक का सबसे बड़ा स्रोत सर्च इंजन है। जो किसी भी वेबसाइट को रैंकिंग देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एसईओ क्या है और काम कैसे कार्य है।

बहुत से लोग जो अपना ब्लॉग या वेबसाइट बनाते हैं। लेकिन उन्हें एसईओ के बारे में उचित जानकारी नहीं होती है कि आखिर एसईओ क्या है। और एसईओ जो कैसे किया जाता है। बहुत से लोग बैकलिंक बनाने को ही SEO समझते हैं जो कि एक आधी अधूरी जानकारी है।

जब तक हमें एसईओ क्या है। इसकी पूरी जानकारी नहीं होती है। तब तक हम आधी अधूरी SEO Optimization के साथ ही काम करते रहते हैं। और हमें अपने ब्लॉग के लिए अच्छा परिणाम नहीं मिल पाता है तो हम निराश हो जाते हैं।

एसईओ क्या है Search Engine optimization कैसे करें?

क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट पर 1 दिन में कितने Blog Posts प्रकाशित होते हैं, नहीं जानते हैं तो आपको जानकर हैरानी होंगे कि 20 लाख से ज्यादा ब्लॉक रोजाना सिर्फ WordPress पर ही पब्लिश होते हैं, और दूसरे ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की बात करें तो इस संख्या का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है।

अगर सिर्फ एक आर्टिकल की बात करें तो लाखों Posts सिर्फ एक ही आर्टिकल पर लिखे जाते हैं। जिनमें से कुछ ही गूगल सर्च में आते हैं जो 1 दिन में एक आर्टिकल पर पब्लिश हुई कुल संख्या 0.0005% का होता है। यह कहते हुए कि 99.99% ब्लॉक गूगल के शीर्ष 100 की सूची में भी नहीं है।

और इसका सबसे बड़ा कारण है SEO, अगर आप ब्लॉगिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको इस टॉपिक को बहुत गंभीरता से समझना होगा क्योंकि अगर आपको एसएओ कि पूरी जानकारी नहीं है तो आप अपने ब्लॉग के लिए ट्रैफिक नहीं ला पाएंगे और ब्लॉगिंग मैं पैसा कमा नहीं पाएंगे।

एसईओ का फुल फॉर्म क्या है (SEO Full Form)?

SEO का फुल फॉर्म Search Engine Optimization होता है।

एसईओ क्या है (What is SEO)?

यह एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से हम किसी भी लेख या वेबसाइट को सर्च इंजन में उच्च रैंक के लिए अनुकूलित करते हैं। मतलब इस तकनीक के माध्यम से हम किसी भी ब्लॉक पोस्ट को सर्च इंजन एल्गोरिदम के अनुकूल बनाते हैं ताकि हमारे द्वारा लिखा गया कोई भी ब्लॉक यह वेबसाइट पोस्ट सर्च इंजन में टॉप पर ट्रेंड करें।

और हम सभी जानते हैं की वेबसाइट सर्च इंजन में पहले स्थान पर ट्रेंड करती है वह अपनी ऊंचाई पर कोई ट्रैफिक का 50% आकर्षित करती हैं। जो किसी वेबसाइट को लोकप्रिय बनाने के लिए काफी है। यह सर्च इंजन गूगल याहू याविंग हो सकता है भारत और दुनिया की बात करें तो जब हम इंटरनेट सर्च इंजन की बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में गूगल का नाम आता है, क्योंकि पूरी दुनिया में इस सर्च इंजन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

इसीलिए सभी ऐसे ही उस पर अपने ब्लॉग को SEO Algorithm के हिसाब से करते हैं आगे हम इन ऑल रिदम कारकों के बारे में बात करेंगे जिन्हें ऑप्टिमाइजेशन करके हम जानेंगे कि ब्लॉक को गूगल के फर्स्ट पेज पर कैसे लाया जाए सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि एसईओ कैसे काम करता है।

SEO कैसे काम करता है?

एसईओ कैसे काम करता है। आ जाना बहुत ही जरूरी है क्योंकि जब तक हम इसके बारे में नहीं जानेंगे तब तक हम यह नहीं समझ पाएंगे कि एसईओ सही तरीके से क्या है। एसईओ क्या है। और कैसे काम करता है। यह जानने के लिए हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि सर्च इंजन कैसे काम करता है तब हम जान पाएंगे की एसईओ कैसे काम करता है।

सर्च इंजन कैसे काम करता है (How to Work Serach engine)?

सर्च इंजन कैसे काम करता है या समझने के लिए हमें सबसे पहले सर्च इंजन के बेसिक को समझना होगा तो आइए पहले सर्च इंजन के बेसिक के बारे में समझ लेते हैं।

हम सभी जानते हैं कि सर्च इंजन है सर्च मशीन है लेकिन जब हम एसईओ फैक्टर की बात करते हैं तो हमें पता चलेगा कि सर्च इंजन एक सर्च मशीन है जो किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर इंटरनेट पर वेबसाइट या ब्लॉग के माध्यम से दिखाता है।

सर्च इंजन की तीन प्रथमिक कार्य होते हैं।

  1. Crawl (क्रॉल)-प्रत्येक खोज इंजन का अपना बोट होता है जो खोज क्वेरी का उत्तर देने के लिए इंटरनेट पर खोज से संबंधित जानकारी वाले प्रश्नों को कॉल करता है। जिसके बाद इंडेक्स की प्रक्रिया होती है।
  2. Index (अनुक्रमणिका)-स्क्रेलिंग प्रक्रिया के दौरान मिली सामग्री को संग्रहित और व्यवस्थित करता है। जिसके बाद क्रमबद्ध तरीके से पेज को प्रस्तुत करने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
  3. RanK (रैंक)-इसके बाद क्रम बद्ध तरीके से सबसे सटीक और सही जानकारी वाली चीजों को दिखाता है। एल्गोरिदम के आधार पर रैंक निर्धारित की जाती है।

उदाहरण के लिए जब हम गूगल या किसी सर्च इंजन में कुछ भी बोलते हैं तो सर्च इंजन बोर्ड उस जानकारी से संबंधित इंटरनेट पर सभी वेब पेजों को क्रल करता है फिर उन्हें व्यवस्थित करता है और सबसे सटीक और सही जानकारी वाले पेज अपने तरीके से प्रदर्शित करता है।

इन पृष्ठों की रैंकिंग के लिए बहुत सारे कारक जिम्मेदार हैं जिन्हें हम एल्गोरिदम के रूप में जानते हैं। प्रत्येक सर्च इंजन का अपना अलग-अलग एल्गोरिदम होता है। लेकिन कुछ बुनियादी कारक होते हैं। जो प्रत्येक सर्च इंजन के समान होते हैं। इन एल्गोरिदम के साथ की जितनी अधिक वेबसाइट एवं पेज सर्च इंजन में उच्च रैंक करते हैं। किस वजह से करते हैं चलिए हम इनके बारे में जान लेते हैं। पहले हम एसईओ कीवर्ड के बारे में जानेंगे और फिर हम रैंकिंग फैक्टर के बारे में जानेंगे।

SEO Keyword क्या है ?

दोस्तों जब हम गूगल में कुछ सर्च करते हैं तो गूगल के एसईओ की भाषा में उसे कीवर्ड कहते हैं। उदाहरण के लिए जैसे किसी ने गूगल पर व्हाट इज इंटरनेट सर्च किया यहां इंटरनेट क्या है यह आम आदमी के लिए एक प्रश्न है यह एसईओ की भाषा में कीबोर्ड है। तो आपने एसईओ के बारे में जान लिया अब आगे हम बात करते हैं।

Search Engine Rank के लिए कौन से अल्गोरिदम कारक होते हैं।

किसी भी वेबसाइट को टॉप पर रैंक करने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं। लेकिन बेसिक फैक्टर जो किसी भी वेबसाइट के लिए सबसे जरूरी है। मैं आपको यहां बताने जा रहा हूं। यह फैक्टर्स किसी भी वेबसाइट के ऐसे योग के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं बेसिक एसईओ फैक्टर कौन-कौन से हैं इनके बारे में।

  1. Content– किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी सामग्री है। विषय उक्त पूर्ण एक व्यापक होनी चाहिए तथा लिखने की विधि भी सरल एवं आकर्षक होनी चाहिए गुणवत्ता सामग्री लिखें और पोस्ट गई की लंबाई कम से कम 1000 शब्द होनी चाहिए।
  2. Freshness– जो भी प्रकार लिखा है पुरानी जानकारी को अपडेट करते रहें क्योंकि समय के साथ सब कुछ बदल जाता है। इसलिए अपने ब्लॉग या आर्टिकल में इनोवेशन रखें और कोशिश करे ब्लॉग को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
  3. Backlink- बैकलिंक किसी भी वेबसाइट की रीढ़ की हड्डी की तरह होती हैं और ट्रांस्किंग बैकलिंक सबसे महत्वपूर्ण है डूफॉलो बैकलिंक्स का अर्थ है समान लिंक इसलिए कोशिश करें कि अपनी वेबसाइट के मिलते जुलते वेबसाइट से बैंक लिंक बनाएं।
  4. Mobile Friendly- आजकल इंटरनेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मोबाइल के जरिए होता है। इसलिए आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली होनी चाहिए यूजर को साइड के इंटरफ़ेस से किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, यह रैंकिंग की सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख कारकों में से एक है।
  5. Page Speed- अगर किसी वेबसाइट को लोड करने का समय अधिक है तो कोई भी यूजर आपकी वेबसाइट से बाहर निकल जाएगा और आपकी बाउंस रेट भी बढ़ जाएगी जो कि किसी भी वेबसाइट के लिए एक नकारात्मक बिंदु है। इसलिए पेज स्पीड अच्छी होनी चाहिए और पेज लोड होने का समय कम से कम 3 सेकंड का होना चाहिए।
  6. स्कीमा कोड- यह लोकल एसईओ के लिए बहुत ही जरूरी है यदि आप सोच रहे हैं कि गूगल में उच्च रैंक कैसे प्राप्त हो, तो या एक महत्वपूर्ण कारक है। स्किमा मार्कअप खोज इंजनों के लिए फोन नंबर, पता आदि को समझना आसान बनाता है। विशेष रूप से स्थानीय व्यवसायों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण होता है।
  7. Social Signal- किसी भी वेबसाइट की ट्रैफिक बढ़ाने में बहुत मददगार होते हैं और यह आपके वेबसाइट की पहुंच को भी बढ़ाते हैं फेसबुक, ट्विटर व पिंटरेस्ट जैसे सोशल मीडिया पर अपने ब्लॉग के पोस्ट को शेयर जरूर करें जहां से आपको ट्रैफिक और बैकलिंक मिलता है।
  8. Https- गूगल वेबमास्टर सेंट्रल लॉक के अनुसार एचटीटीपीएस महत्वपूर्ण रैंकिंग कारकों में से एक है। इसीलिए आपको अपनी वेबसाइट पर एसएसएल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए क्या उपयोगकर्ता पर भी प्रभाव छोड़ता है और एल्गोरिथ्म नियमों के लिए बहुत अच्छा है।
  9. User Experience- यूजर अनुभव का अर्थ है जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो यह बहुत जरूरी है कि उस साइट पर जाने पर अनुभव कैसा रहा। यदि वेबसाइट आपके मन के अनुसार यह आपकी सुविधा के अनुसार नहीं है तो आप उस वेबसाइट पर दोबारा नहीं जाना चाहेंगे। इसलिए अपनी कंटेंट को ऐसा बनाएं की यूजर आपकी वेबसाइट पर बार बार विजिट करें और वह मूल जानकारी को प्राप्त करें।

एसईओ के प्रकार (Type of SEO)

अब तक आप लोगों को पता है कि एसईओ क्या है और यह कैसे काम करता है आप बात करते हैं। एसईओ योग्य प्रकारों के बारे में एसईओ कितने प्रकार के होते हैं चलिए इनके बारे में जान देते हैं।

अगर एसईओ के प्रकार के बारे में बात करें तो एसईओ कई तरह के होते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि अब तक आपने On Page SEO और Off Page SEO के बारे में पढ़ा है, यह सुना है। तो मैं कई तरह के एसईओ के बारे में कैसे कह रहा हूं दोस्तों इंटरनेट के बिजनेस मॉड्यूल को देखते हुए आज एसईओ बहुत विस्तृत हो गया है। जहां ऑन पेज एसईओ बेसिक SEO Category में आते हैं। वही लोकल एसईओ और वॉइस सर्च seo भी आज के बाजार में काफी प्रतिस्पर्धी होते जा रहा है।

यहां पर हम चार प्रकार के एसईओ के बारे में चर्चा करेंगे

1.ऑन पेज एसईओ (On Page SEO)

किसी भी वेबसाइट के लिए उनके जैसी और टेक्निक बहुत जरूरी है। इस तकनीक के माध्यम से हम अपनी वेबसाइट या ब्लॉग की पोस्ट और कीवर्ड को अनुकूलित करते हैं। और खोज सर्च इंजन को बताते हैं कि यूज़र द्वारा खोजे गए प्रश्नों के उत्तर यहां दिए गए हैं। सीधे शब्दों में कहें और ऑन पेज एसईओ का तात्पर्य उन परिवर्तनों से है जो आप अपने साइड में करते हैं जो इसके प्रदर्शन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

ऑन पेज एसईओ में हम अपने ब्लॉग को सच फ्रेंडली बनाते हैं। और उन सभी फैक्टर्स को फॉलो करते हैं जो किसी भी सर्च इंजन की प्राथमिकता होती है।

जिनमें से कई सारे फैक्टर ऑन पेज एसईओ में ही आते हैं जैसे कंटेंट पेज स्पीड यूजर एक्सपीरियंस मोबाइल फर्स्ट और एसएसएल आदि।

2.ऑफ पेज एसईओ (Off page SEO)

आपके एसईओ बाहरी कारकों पर निर्भर करता है जो आपकी साइड के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। आप ऑन पेज एसईओ को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन आप ऑफ पेज एसईओ प्रतिक्रिया को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। आपकी खोज इंजन रैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए दूसरा प्रमुख कारक है।

और इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सोशल मीडिया शेयरिंग है। जिसमें आपको बहुत से लाभ मिलते हैं उदाहरण के लिए आपने अपनी वेबसाइट को फेसबुक पर शेयर किया है तो फेसबुक की तरफ से आपको प्रोरिटी भी मिलेगा और आपकी वेबसाइट की प्रमोटिंग भी हो जाती है।

3.लोकल एसईओ (Local SEO)

यदि आप इंटरनेट के माध्यम से अपने व्यवसाय को स्थानीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं। तो आपको लोग कैसी हो पर ध्यान देना चाहिए परिस्थितियों के आधार पर यह आसान और अत्यंत कठिन हो सकता है। यह स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करता है।

यह ऐसी रणनीति आपको उन रणनीतिया का प्रयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। जो आपको व स्थानीय ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद करती है। यह आपके व्यवसाय के लिए अधिक से ट्रैफिक और यूजर प्रदान करने के लिए शानदार तरीका है।

लोकल एसईओ कैसे करें

  1. जैसा कि मैंने कहा यह काफी हद तक कंपटीशन पर निर्भर करता है। आपकी जानकारी और उत्पाद की गुणवत्ता सबसे अच्छी होनी चाहिए।
  2. बिजनेस डायरेक्टरी में अपना बिजनेस पेज बनाएं और अपनी वेबसाइट का लिंक भी दें।
  3. सोशल मीडिया पर अपना पेज बनाएं अपने उत्पाद और उसके विषय के बारे में पूरी जानकारी जरूर साझा करें।
  4. अपनी वेबसाइट को फ्री क्लासिफाइड वेबसाइट पर प्रचारित करें।
  5. इसके अलावा और भी कई तरीके हैं जो स्थानीय एसीईओ में उपयोग की जा सकती हैं और उनका अध्ययन और अभ्यास जारी रखना चाहिए।

4.वॉइस सर्च एसईओ (Voice Search SEO)

Voice Search SEO में किसी भी सामग्री के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी कारकों का उपयोग किया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया विषय वॉइस सामग्री उसका शीर्षक विवरण एसईओ प्रारूप में होना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि उस Voice Audio की सामग्री क्या है।

अब तक हमने जिस ऐसी टेक्निक के बारे में बात की वह है। वाइट हाट एसईओ और अब हम ब्लैक हाट एसईओ के बारे में जानेंगे।

5.ब्लैक हाट एसईओ (Black Hat SEO)

ब्लैक हाट एसईओ उन तकनीकों और रणनीतियों को संदर्भित करता है। जो खोज इंजन पर स्पर्म को धोखा देकर किसी भी वेबसाइट यार लेख को रंग करती हैं। इस तकनीक के माध्यम से किसी भी लेके वबसाइट को व्हाइट हाट एसईओ की तुलना में तेजी से रैंक किया जा सकता है।

यह एक जोखिम भरा टेक्निक है, इसकी पुष्टि होने पर वेबसाइट को डी इंडेक्स किया जा सकता है, या स्पर्म वेबसाइट के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है। जो किसी के लिए भी बहुत कष्टप्रद हो सकता है, कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति इस प्रकार की तकनीक से दूर रहना चाहिए इस तकनीक का उपयोग तभी करें जब आपकी अपनी किसी सामग्री को कम समय के लिए प्रचारित करना चाहते हैं।

आशा करता हूं कि आपको एसईओ क्या है और एसईओ कैसे काम करता है। इसके बारे में पूरी जानकारी समझ में आ गई हो यह जानकारी में हमने आपको एसईओ के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आपके पास SEO के बारे में कोई प्रश्न है, तो कृपया नीचे कमेंट में पूछे मुझे और मैं आपके प्रश्न का उत्तर दूंगा यदि आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ साझा करना चाहते हैं। तो इसे सोशल मीडिया फेसबुक, टि्वटर इत्यादि पर साझा जरूर करें

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